
एक ठंडी सर्द रात थी, जब गाँव की पुरानी हवेली में शादी की शहनाइयाँ थम चुकी थीं। राधा, 24 साल की गोरी, गदराई नई-नवेली दुल्हन, अपनी शादी की पहली रात के लिए सज-धजकर कमरे में बैठी थी। उसकी लाल जोड़ा साड़ी उसके नरम, गोरे जिस्म को लपेटे हुए थी, और उसकी मोटी चूचियां ब्लाउज में कैद होने को तड़प रही थीं। उसकी गहरी नाभि और मटकती गांड साड़ी के नीचे से ललचा रही थी। राधा की काजल वाली आंखें और गुलाबी होंठ किसी को भी पागल कर सकते थे। उसका पति, वीरू, 28 साल का जवान मर्द, शहर से शादी के लिए आया था, मगर उस रात उसकी तबीयत खराब हो गई। डॉक्टर ने उसे दवा देकर सुला दिया, और राधा अकेली अपने सजे हुए कमरे में पलंग पर बैठी थी, उसकी चूत में शादी की पहली रात की प्यास जल रही थी।
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