
, 42 साल की एक विधवा औरत, अपनी बेटी राधिका और दामाद अजय के साथ दिल्ली के एक पॉश इलाके में रहती थी। राधिका 22 साल की थी, और अजय, 28 साल का, एक हट्टा-कट्टा और हैंडसम मर्द था। मेरा गोरा रंग, भरे हुए चूचे, और गोल-मटोल गांड अभी भी जवानी की निशानी थी। लोग अक्सर मुझे राधिका की बड़ी बहन समझ लेते थे। अजय की नजरें मेरे चूचों और गांड पर अक्सर टिकती थीं, और उसकी कामुक मुस्कान मुझे बेचैन कर देती थी। राधिका को अपने पति की इन हरकतों का शक नहीं था, लेकिन मैं अजय के लंड की दीवानी हो चुकी थी। ये कहानी उस रात की है, जब मैंने अजय के लंड को अपना बनाया और अपनी बेटी की सौतन बनने का फैसला किया।
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