
मॉडर्न लड़की, अपने गाँव की छुट्टियों में खेतों की सैर करने निकली थी। मेरी टाइट जीन्स और शॉर्ट टॉप में उभरती चूचियाँ और मटकती गांड हर मर्द की नज़रों को खींच रही थी। गाँव के खेतों में हवा की सरसराहट और धूप की गर्मी मेरे जिस्म को बेकरार कर रही थी। तभी एक किसान, रमेश, 30 साल का, मज़बूत जिस्म और काली आँखों वाला, मुझे खेत में मिला। उसकी शरारती नज़रों ने मेरी चूत में आग लगा दी, और उसने मुझे खेत में चोदकर मेरी हवस तृप्त कर दी।
उस दोपहर खेत सुनसान थे। मैं एक पेड़ की छाँव में बैठी थी, जब रमेश अपने कंधे पर फावड़ा लिए मेरे पास आया। “मेमसाहब, खेत में अकेले क्या कर रही हो?” उसने शरारत से पूछा। मैंने होंठ चाटे और जवाब दिया, “रमेश, मेरी चूत की गर्मी बुझाने वाला चाहिए।” मेरी बोल्ड बात सुनकर उसकी आँखें चमक उठीं। उसने फावड़ा फेंका और मेरे पास आकर मेरे होंठों को चूम लिया। उसका चुंबन इतना गहरा था कि मेरी साँसें रुक गईं। उसकी जीभ मेरे होंठों से खेल रही थी, और मैंने उसकी कमीज पकड़कर उसे और करीब खींच लिया।
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